Essay on Child Marriage in Hindi | बाल विवाह निबंध | निबंध लेखन

5
(2)

Essay on Child Marriage in Hindi / बाल विवाह निबंध

प्रस्तावना

बाल विवाह अथवा बच्चों का छोटी उम्र में ही विवाह कर देना आज भी भारत में एक महती समस्या है | बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व होने से पूर्व ही उन्हें विवाह के बंधन में बांध देना बाल विवाह कहलाता है | आज भी भारत के देहाती एवं पिछड़े हुए इलाकों में छोटी उम्र में ही बच्चों का विवाह कर दिया जाता है |

बाल विवाह के कारण

बाल विवाह के अनेक कारण हैं , जिनमें माता-पिता का अशिक्षित एवं गरीब होना सबसे प्रमुख कारण है | गरीबी एवं अशिक्षा के चलते माता-पिता छोटी उम्र में ही अपने बच्चों का विवाह कर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त होने की अभिलाषा रखते हैं | उनकी यह धारणा होती है कि बच्चों का विवाह करते ही उनके सारे दायित्व पूर्ण हो जाते हैं और इसी कारण वह छोटी उम्र में ही बच्चों का विवाह कर देते हैं | ग्रामीण  एवं पिछड़े हुए इलाकों में शिक्षा  की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण भी अक्सर माता-पिता अपने बच्चों का विवाह छोटी उम्र में ही कर देते हैं | भारत में विवाह को एक अनिवार्य सामाजिक परंपरा माना जाता है और अक्सर मां-बाप लड़कियों को अपने ऊपर भार समझते हैं | अतः इस भार को कम करने के लिए वह छोटी उम्र में ही लड़कियों का विवाह कर देते हैं |

बाल विवाह के दुष्परिणाम

बाल विवाह के अनेक दुष्परिणाम है  जिन्हें हम अगर अंकित बिंदुओं में समझ सकते हैं –

  • बाल विवाह के चलते अधिकांश बच्चे विशेषकर लड़कियां अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर पाती है , जिसके कारण देश शिक्षा के क्षेत्र में आज भी पिछड़ा हुआ है |
  • बाल विवाह के चलते बच्चों से उनका बचपन छीन जाता है |
  • कम आयु में गर्भधारण करने के कारण बहुत सारी  लड़कियों की प्रसव वेदना के दौरान मृत्यु हो जाती है |
  • अपरिपक्व एवं विकृति युक्त बच्चों का जन्म हो रहा है |
  • देश में जनसंख्या वृद्धि का एक बड़ा कारण बाल विवाह भी है |

बाल विवाह निवारण के उपाय

यद्यपि सरकार ने  लड़के और लड़कियों के विवाह के लिए न्यूनतम आयु निर्धारित कर रखी है, परंतु फिर भी देश में हर साल हजारों की संख्या में बच्चों के विवाह होते हैं और इसका सबसे बड़ा कारण है, प्रशासन की उदासीनता तथा लोगों में कानून का भय नहीं होना | साथ ही अधिकांश लोग इस बात से भी अनभिज्ञ रहते हैं कि छोटी उम्र में बच्चों का विवाह कर देने पर लड़के एवं लड़कियों के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर क्या विपरीत प्रभाव पड़ते हैं | अतः बाल विवाह को रोकने के लिए निम्नलिखित प्रयास किए जा सकते हैं

  • बाल विवाह को लेकर और अधिक कठोर कानून बनाकर इसे जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए |
  • शिक्षा के प्रसार के द्वारा बाल विवाह की प्रवृत्ति पर नियंत्रण लगाया जा सकता है |
  • दहेज प्रथा पर अंकुश लगाकर बाल विवाह की प्रवृत्ति को रोका जा सकता है |
  • बाल विवाह के नकारात्मक पहलू से लोगों को परिचित करवा कर ,बाल विवाह की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सकता है |

बाल विवाह निवारण में समाज की भूमिका

बिना  सामाजिक सहयोग के किसी भी सामाजिक कुरीति अथवा कुप्रथा पर नियंत्रण स्थापित नहीं किया जा सकता है | अतः जब तक इस प्रथा  को रोकने में सामाजिक सहयोग प्राप्त नहीं होगा, तब तक इस प्रथा को रोक पाना बहुत ही मुश्किल है | इसलिए समाज में जनजागृति अभियान चलाकर लोगों को इस प्रथा के विरुद्ध खड़ा करने का प्रयास करना चाहिए |

बाल विवाह रोकने में युवा वर्ग की भूमिका

यदि युवा वर्ग अपने दायित्व का बोध करें और अपने आस -पास घटित हो रहे बाल विवाह जैसी घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास करें ,तो काफी हद तक इन समस्याओं से समाज को निजात दिलाई जा सकती है | पढ़े-लिखे युवा अपने समाज के अंदर लोगों को समझा सकते हैं कि बाल विवाह करने के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं | वे स्वयं  छोटी उम्र में विवाह करने से इंकार कर सकते हैं और यदि फिर भी बात नहीं  बने तो कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं I इस प्रकार युवा वर्ग बाल विवाह जैसी सामाजिक समस्या के उन्मूलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है |

उपसंहार

बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है और इसे सरकार, आम जनता तथा युवा वर्ग सभी के सम्मिलित प्रयासों से ही रोका जा सकता है | बाल विवाह का उन्मूलन होने पर ही  देश में  हर वर्ष हो रही हजारों कम उम्र की माताओं और जन्म लेने वाली वाले शिशुओं की  मौत को रोका जा सकता है , देश में शिक्षा का स्तर बढ़ाया जा सकता है  तथा देश की आर्थिक प्रगति में सहयोग दिया जा सकता है |

Read Other Essays in Hindi

  1. Essay on Mahatma Gandhi in Hindi
  2. Essay on Solar Energy in Hindi
  3. Essay on Women’s Education in Hindi
  4. Essay on Child Marriage in Hindi
  5. Essay on Child Labour in Hindi
  6. Essay on Environment in Hindi
  7. Essay on Teacher in Hindi

Do share this post if you liked Essay on Child Marriage in Hindi. For more updates, keep logging on BrainyLads.

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 2

No votes so far! Be the first to rate this post.

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!

For Regular Updates

Join Us on Telegram

Click Here to Join