मनुष्य तथा सभी जीव- जंतुओं एवं वनस्पतियों के जीवन के लिए वायु के बाद जल परम आवश्यक तत्व है, यदि धरती पर जल नहीं होगा तो जीव - धारियों का नामोनिशान तक नहीं होगा | यद्यपि धरती के लगभग तीन - चौथाई भाग पर जल विद्यमान हैं, परंतु इसमें अधिकांश जल की मात्रा महासागरीय एवं
सूर्य पृथ्वी के लिए ऊष्मा एवं ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है, जिससे निरंतर पृथ्वी को सूर्य की किरणों के रूप में ऊष्मा एवं ऊर्जा प्राप्त होती है l दिन भर पड़ने वाली सूर्य की किरणों से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि होती है और रात होने पर जब सूर्य की किरणें पृथ्वी पर नहीं आती
एपीजे अब्दुल कलाम भारत के महान वैज्ञानिक, इंजीनियर, शिक्षक और लेखक थे | यह ऐसे महान वैज्ञानिक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में समर्पित कर दिया | यह भारत के राष्ट्रपति भी रहे और एक शिक्षक के रूप में भारत के युवाओं के आदर्श भी बने | इन्होंने हर क्षेत्र में अपनी
भारतीय संस्कृति में गुरु या शिक्षक का स्थान ईश्वर से भी ऊपर बताया गया है | शिक्षक वह होता है जो शिक्षा देता है, संस्कार देता है और हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करता है | शिक्षक को राष्ट्र के निर्माता एवं समाज के एक सजग प्रहरी के रूप में देखा जाता है | अतः शिक्षक
सौर ऊर्जा से हमारा अभिप्राय सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा से है, जिसे विद्युत तथा तापीय ऊर्जा में परिवर्तित करके हम अपनी दिन - प्रतिदिन की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं | वर्तमान युग में सौर ऊर्जा की मांग और आवश्यकता तेजी से बढ़ रही है |
महिला और पुरुष मानव समाज रूपी गाड़ी के दो पहिए हैं, यदि इनमें से एक भी पहिया कमजोर रहता है तो इस गाड़ी का संतुलन बिगड़ जाएगा | अतः दोनों का ही सशक्त एवं मजबूत होना अनिवार्य है और यह मजबूती आती है शिक्षा से, क्योंकि शिक्षित व्यक्ति न केवल अपने परिवार को बेहतर सुख
बाल विवाह अथवा बच्चों का छोटी उम्र में ही विवाह कर देना आज भी भारत में एक महती समस्या है | बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक रूप से परिपक्व होने से पूर्व ही उन्हें विवाह के बंधन में बांध देना बाल विवाह कहलाता है | आज भी भारत के देहाती एवं पिछड़े हुए इलाकों में
बाल श्रम से हमारा अभिप्राय बच्चों को काम पर लगाने से है | किसी भी सभ्य समाज के लिए बाल श्रम एक अभिशाप से कम नहीं है | छोटे-छोटे बच्चों से उनके पढ़ने-लिखने, खेलने कूदने का अधिकार छीन कर उन्हें काम पर लगाना ही बाल श्रम कहलाता है |
पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है परि + आवरण | परि का अर्थ है चारों ओर का तथा आवरण का अर्थ है ढका हुआ या छाया हुआ,अर्थात हमारे चारों ओर का प्राकृतिक परिवेश पर्यावरण कहलाता है जिसमें मिट्टी,वायु ,नदियां ,पर्वत , वनस्पतियां आदि सभी प्राकृतिक तत्व शामिल होते हैं |