Essay on Child Labour in Hindi | Bal Shram Essay in Hindi |
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Essay on Child Labour in Hindi | Bal Shram Essay in Hindi |
बाल श्रम
भूमिका
बाल श्रम से हमारा अभिप्राय बच्चों को काम पर लगाने से है | किसी भी सभ्य समाज के लिए बाल श्रम एक अभिशाप से कम नहीं है | छोटे-छोटे बच्चों से उनके पढ़ने-लिखने, खेलने कूदने का अधिकार छीन कर उन्हें काम पर लगाना ही बाल श्रम कहलाता है |
बाल श्रम के कारण
बाल श्रम के अनेक कारण हैं जिनमें सबसे प्रमुख एवं महत्वपूर्ण कारण गरीबी है | गरीबी के कारण बहुत से माता-पिता लाचार और बेबस होकर अपने बच्चों को काम पर भेज देते हैं | बहुत सारे बच्चे ऐसे होते हैं जिनके माता-पिता नहीं है, या जिनके माता-पिता ने उनको त्याग दिया है, या फिर जिनके माता-पिता बीमार अथवा नशे के आदी होने के कारण पैसे कमाने में असमर्थ है | ऐसे बच्चे भी मजबूरी में काम पर लग जाते हैं | बाल श्रमिकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि यह पढ़ – लिख नहीं पाते हैं और कच्ची अवस्था में ही जोखिम भरे कार्यों में लग जाते हैं |
बाल श्रम निवारण के उपाय
बाल श्रम की समस्या किसी भी राष्ट्र के लिए सबसे घातक समस्या हो सकती है, क्योंकि किसी राष्ट्र का भविष्य उसके बच्चों पर निर्भर करता है | यदि बच्चों से उनका बचपन छीन लिया जाता है और उन्हें पढ़ने लिखने का अधिकार नहीं मिल पाता है , तो किसी देश का भविष्य सुनहरा नहीं हो सकता है | अतः देश के भविष्य को बचाने के लिए बाल श्रम की समस्या का निवारण करना नितांत अनिवार्य है | इसके लिए सरकार ने अपने स्तर पर कानून भी बना रखे हैं | 14 वर्ष से कम अवस्था वाले बच्चों को जोखिम भरे कार्यों पर नहीं लगाया जा सकता है तथा शिक्षा प्राप्त करना बच्चों के मौलिक अधिकार में जोड़ दिया गया है | परंतु फिर भी बाल श्रम की समस्या यथावत बनी हुई है | इसका निवारण तभी संभव है, जब बच्चों की मजबूरियों का फायदा उठाकर उन्हें जोखिम भरे कामों पर लगाने वाले लोगों पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाए| बच्चों के भरण-पोषण की समस्या का निवारण किया जाए तथा गरीबी से जूझ रहे माता-पिता के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के साथ-साथ कुछ ऐसे सृजनात्मक कार्यों में लगाया जाए, जिससे उनकी आमदनी भी होती रहे |
बाल श्रम निवारण में समाज की भूमिका
बाल श्रम की समस्या का निवारण बिना सामाजिक सहयोग के नहीं हो सकता है| यदि हमारा समाज सम्मिलित रूप से बच्चों की शिक्षा – दीक्षा की व्यवस्था में लग जाए और उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सम्मिलित रूप से योगदान दें तथा बाल श्रमिकों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने का प्रयास करें, तो निसंदेह देश इस समस्या से निजात पा सकता है|
बाल श्रम निवारण में युवा वर्ग की भूमिका
युवा वर्ग किसी भी देश का सबसे सजग प्रहरी माना जाता है ,उसे देश की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए अनवरत रूप से सक्रिय रहना चाहिए | यदि हमारे युवा साथी चाहे तो वह बाल श्रम की समस्या को दूर करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं | उन्हें अपने आस – पास के बाल श्रमिकों की पहचान कर, उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए| युवा अपनी पुरानी पुस्तकों को गरीब बच्चों को देकर उनकी पढ़ने – लिखने में मदद कर सकते हैं| अपनी पॉकेट मनी का सदुपयोग करते हुए उन बच्चों की शिक्षा को जारी रखने में सहायता कर सकते हैं ,जो पैसे की कमी के कारण पढ़ लिख नहीं पाते हैं और शिक्षित युवा गरीब बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षण सहायक की भूमिका अदा कर सकते हैं|
उपसंहार
इस प्रकार हम कह सकते हैं कि बाल श्रम की समस्या एक में महत्वपूर्ण समस्या है, जिसके निवारण के लिए सरकार, समाज एवं युवा वर्ग सभी को सम्मिलित प्रयास करना होगा | बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की उचित व्यवस्था करनी होगी | कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित रह रहे ऐसी व्यवस्था कर ली होगी तथा बाल श्रमिकों को काम पर रखने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कानूनों का निर्माण करना होगा | गरीब बच्चों को कुछ ऐसे कार्यों का प्रशिक्षण देना होगा, जिससे वह पढ़ने के साथ-साथ कुछ आमदनी भी कर सके और आत्मनिर्भर होकर पढ़ सके |
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