लेखिका ने अपनी यात्रा की इस कहानी का प्रारम्भ  उस समय से किया  है, जब वो गंगटोक पहुंची और  रात्रि में गंगटोक में आसमान के नीचे से असंख्य तारो को देखती है और देखती ही रह जाती है। तारों के उस दृश्य में उस पल लेखिका को तारों के साथ कुछ अलग सा महसूस होता